8th Vani Foundation Distinguished Translator Award 2024 : सन् 2024 में, वाणी फाउंडेशन द्वारा आयोजित गणमान्य अनुवादक पुरस्कार का आठवां समारोह होगा। इस वर्ष, पुरस्कार के संबंध में एक खास घोषणा की गई है, जिसमें स्पेनिश भाषा के प्रसिद्ध विद्वान ऑस्कर पुजोल को अनुवाद के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।
हर साल, जयपुर बुकमार्क (जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल) में वाणी फाउंडेशन और टीमवर्क आर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ‘वाणी फाउंडेशन गणमान्य अनुवादक पुरस्कार’ प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार का उद्देश्य उन अनुवादकों को सम्मानित करना है जिन्होंने दो भारतीय भाषाओं के बीच साहित्यिक और भाषाई संबंधों को बढ़ावा दिया है। यह पुरस्कार उनके योगदान को मान्यता देता है और उन्हें प्रोत्साहित करता है जो भारतीय और अंतरराष्ट्रीय भाषाओं के बीच सीधे आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।
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इस पुरस्कार के सम्मानित मंडल में वर्ष 2024 में नमिता गोखले (सह-निदेशक, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल और साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित लेखिका), अरुणव सिन्हा (अनुवादक और लेखक), और यतीन्द्र मिश्र (‘स्वर्ण कमल’ से सम्मानित कवि, लेखक, और संगीत अध्येता) शामिल हैं।
विजेताओं को ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र, और एक लाख भारतीय रुपये या समकक्ष नकद राशि प्रदान की जाती है।
![8th Vani Foundation Distinguished Translator Award 2024 Jury](https://gajraulatimes.com/wp-content/uploads/2024/01/vani-foundation-team-work.jpg)
Vani Foundation Distinguished Translator Award :
- अत्तूर रवि वर्मा (2015-2016) : मलयालम
- अनामिका (2016-2017) : भोजपुरी
- रीता कोठारी (2017-2018) : सिन्धी
- तेजी ग्रोवर (2018-2019) : हिन्दी
- रख्शंदा जलील (2019-2020) : उर्दू
- अरुणव सिन्हा (2021-2022) : बंगला
- डेज़ी रॉकवेल (2022-2023) : हिन्दी व उर्दू
कौन हैं ऑस्कर पुजोल ?
ऑस्कर पुजोल ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से संस्कृत में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है और उनका भारतीय संबंध उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना रहा है। वे नई दिल्ली और रियो डी जनेरियो के सर्वानतेस इंस्टीट्यूट के निदेशक और कासा एशिया के शैक्षिक कार्यक्रमों के निदेशक के रूप में सेवाएं देते रहे हैं।
ऑस्कर पुजोल ने कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें संस्कृत और कैटलन भाषा का पहला शब्दकोश, संस्कृत और स्पेनिश भाषा का शब्दकोश, ल इल्यूसिओन फ़ेकुंडा शंकराचार्य के दर्शन और शास्त्रों पर आधारित स्पेनिश ग्रंथ शामिल हैं। संस्कृत भाषा के प्रति उनका उत्साह और समर्पण उन्हें ‘कर्मयोगी’ और ‘भाषा प्रेमी’ के रूप में परिभाषित करता है।
ऑस्कर पुजोल का नवीनतम अनुवाद संस्कृत से स्पेनिश में भगवद्गीता का संस्करण “ला भगवद्गीता” के नाम से प्रकाशित किया गया है और इसे काफी प्रशंसा मिल रही है।