Hasanpur News : हसनपुर के मोहल्ला कनेटा रोड निवासी 45 वर्षीय हबीब अली की मौत हो गई। उन्हें कुछ सप्ताह पूर्व एक पागल कुत्ते ने पैर में काट लिया था। उस समय उन्हें एक झाड़-फूंक वाले के पास ले गए थे। तब हबीब पूरी तरह स्वस्थ थे। अब बीमारी के बाद उनकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि हबीब को घर के पास ही एक पागल कुत्ते ने काट लिया था। उन्होंने किसी अच्छे चिकित्सक के पास जाकर एंटी रैबीज़ वैक्सीन लेने के बजाय एक झाड़-फूंक वाले के पास जाना उचित समझा। कुछ समय तक तो वे स्वस्थ रहे। बाद में उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। क्योंकि रैबीज़ का वायरस एकदम से असर नहीं दिखाता। कई बार सप्ताह, महीने या साल भी लग सकते हैं।
हबीब का उपचार एक चिकित्सक से चल रहा था। बताया जाता है कि उनमें रैबीज़ के लक्षण उभर रहे थे।
कुत्ते के काटे को मामूली घटना नहीं समझा जाए
चिकित्सकों का कहना है कि कुत्ते के काटे को मामूली घटना नहीं समझा जाए। इसे गंभीरता से लिया जाए। यदि कुत्ता, बिल्ली, बंदर या गीदड़ के काटने के 24 घंटे के अंदर एंटी रैबीज़ वैक्सीन नहीं ली गई तो मामला खतरनाक हो सकता है। मरीज की जान भी जा सकती है।
एंटी रैबीज़ वैक्सीन काटने के समय तो लगेगी ही। उसके बाद तीसरे दिन, पांचवे दिन, सातवें दिन और 11वें दिन भी दी जाएगी। इससे रैबीज़ का वायरस असर नहीं दिखाता।
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रैबीज़ के लक्षण
- सबसे पहले मरीज़ पानी को देखकर घबराता है। पानी पीने में उसे दिक्कत आती है।
- मुंह में लार भी अधिक मात्रा में आने लगती है।
- भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
- सिर दर्द, बुखार आता है।
- मांसपेशियों में दर्द भी हो सकता है।
रैबीज़ पर अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें : https://ncdc.mohfw.gov.in/national-rabies-control-programme/
-Amroha News.